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SAIL खदानों को NMDC में मर्ज करने की उठी आवाज, NJCS पर टिकी निगाहें

SAIL खदानों को NMDC में मर्ज करने की उठी आवाज, NJCS पर टिकी निगाहें
  • 20 जनवरी को दिल्ली में होने वाली एनजेसीएस बैठक में खदानों की समस्याओं को भी उठाने की मांग की गई।

सूचनाजी न्यूज, झारखंड। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority of India Limited-SAIL) के खदान कर्मचारी अक्सर अपने हक की आवाज उठाते हैं। फिलहाल, दासा को लेकर संघर्षशील हैं। बुनियादी सुविधाओं को लेकर आयेदिन बवाल होता है।

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सेल प्रबंधन (SAIL Management) और एनजेसीएस यूनियनों (NJCS Unions) पर आरोप लगते रहते हैं। अब नई बहस छिड़ गई है। सेल के खदानों को एनएमडीसी को हैंडओवर करने की आवाज उठ गई है। इस्पात मंत्रालय (Steel ministry) के अधीन आने वाले एनएमडीसी को ही सेल की खदान देने की मांग की जा रही है, ताकि कर्मचारियों को सुविधाओं के लिए संघर्ष न करना पड़े।

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झारखंड ग्रुप ऑफ माइंस की यूनियन झारखंड मजदूर संघर्ष संघ के महामंत्री राजेंद्र सिंदरिया का कहना है कि NJCS सदस्य खदानों की समस्या भी हल कराएं। 20 जनवरी को दिल्ली में होने वाली एनजेसीएस बैठक में खदानों की समस्याओं को भी उठाएं। NJCS बैठक में भी खदान के कर्मचारियों को स्थान देने की मुहिम छेड़ें।

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दासा जैसे मुद्दे को भी हल करें। प्लांट और खदान की समस्या भौगोलिक स्थिति के अनुसार अलग-अलग है। खदानों की समस्या पर भी ध्यान दें। अथवा खदानों को प्लांट से अलग कर दिया जाए। खदान देखने वाले NMDC को सेल खदान को समर्पित कर दें। वहीं होगा खदानों की समस्या का हल।

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राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (National Mineral Development Corporation) आयरन ओर खनन में सबसे आगे है। इसलिए मांग की जा रही है कि सेल की आयरन ओर खदानों को भी एनएमडीसी को सुपुर्द कर दिया जाए। एनएमडीसी खदानों को संभालने में माहिर है। वहां कर्मचारियों के वेलफेयर को लेकर बेहतर पॉलिसी है। इसलिए सेल में आयेदिन होने वाले विवाद का निपटारा करना जरूरी है। इसका रास्ता भी बताया जा रहा है। अब देखना यह है कि इस सुझाव पर आने वाले दिनों में क्या हरकत होती है या नहीं…।

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