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Big Breaking News: गुटबाजी से BMS के अधिकारों पर कोर्ट की रोक, प्रबंधन से समझौता, खर्च और नियुक्त भी अधर में, दोनों पक्ष का ये दावा

Big Breaking News: गुटबाजी से BMS के अधिकारों पर कोर्ट की रोक, प्रबंधन से समझौता, खर्च और नियुक्त भी अधर में, दोनों पक्ष का ये दावा
  • कोर्ट के स्टे की सर्टिफाइड कॉपी गुरुवार को सार्वजनिक करने का दावा अरविंद पांडेय ने किया है।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority of India Limited-SAIL) के भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) में पहली बार मान्यता प्राप्त यूनियन का दर्जा हासिल करने वाली बीएमएस पर संकट आ गया है। गुटबाजी की वजह से पदाधिकारियों के बीच लड़ाई कोर्ट तक पहुंची। इंडस्ट्रियल कोर्ट ने बीएमएस के अधिकारों पर रोक लगा दिया है। नीतिगत फैसला लेने, 5 हजार से अधिक खर्च करने और पदाधिकारियों की नियुक्ति पर भी रोक लगाई गई है। इस बात का दावा खुद परिवाद दायर करने वाले अरविंद पांडेय ने किया है।

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जबकि दूसरे गुट के महामंत्री चन्ना केशवलू का कहना है कि कोर्ट ने स्टे नहीं दिया है। कोर्ट में न्याय हो जाएगा। गलत आदमी को स्टे नहीं मिला है। वह जेल जाएगा। गलत फॉर्म जमा किया था। फर्जी पेपर दिया था। कोर्ट ने बोल दिया है कि स्टे नहीं मिलेगा। पंजीयक ने जिसे पंजीकृत किया है, वही मान्य है। कोर्ट हम लोगों को माना है।

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बीएमएस विवाद पर जानिए अरविंद पांडेय ने क्या बताया…

-मान्यता चुनाव जीतने के समय बीएमएस के संयुक्त मंत्री और सीपीएफ ट्रस्ट अरविंद पांडेय रहे। इसके बाद गुटबाजी की वजह मामला तूल पकड़ा।

-3 अक्टूबर 2023 को बीएमएस का चुनाव हुआ था। अरविंद पांडेय जनरल सेक्रेटरी चुने गए। रामजीत सिंह अध्यक्ष बने। इसमें 31 सदस्यों का नाम आया। इसके ई-फॉर्म को पंजीयक कार्यालय रायपुर में जमा किया गया।

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-वहीं, चन्ना केशवलू और रवि सिंह गुट ने 10 अक्टूबर को चुनाव कराया। 12 अक्टूबर 2023 को ई फॉर्म जमा किया।

-एक ही यूनियन के दो ई फॉर्म रजिस्ट्रार के पास पहुंचे। परामर्श के लिए इंडस्ट्रियल कोर्ट (Industrial Court) में मामला भेजना था। श्रम कानून 1926 की धारा 28 जे के अनुसार पंजीयक को एक तरफा फैसला नहीं लेना था। लेकिन, यहां पंजीयक ने केशवलू गुट को रजिस्टर्ड कर दिया है।

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-इसके खिलाफ अरविंद पांडेय कोर्ट गए। कोर्ट ने स्टे दे दिया है। नीतिगत कोई भी निर्णय नहीं लिया जा सकता है। दूसरा निर्णय यह है कि जिसको रजिस्टर्ड किया गया है उन्हें किसी प्रकार की नियुक्त करने का अधिकार नहीं है। तीसरा निर्णय यह है कि 5 हजार से ज्यादा का पैसा खर्च नहीं कर सकते हैं। इसके अलावा हर 2 दो माह पर रिपोर्ट काेर्ट में जमा करना है।

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कोर्ट ने फैसला पढ़ा, गुरुवार को आएगी सर्टिफाइड कॉपी

अरविंद पांडेय का कहना है कि पंजीयक और अध्यक्ष राधेश्याम जायसवाल और महामंत्री चन्ना केशवलू को पार्टी बनाया गया था। यूनियन और पंजीयक के अधिकारों पर रोक लगा दिया गया है। मेरे सामने औद्योगिक न्यायालय रायपुर के जज साहब ने फैसला पढ़ा। गुरुवार को फैसले की सर्टिफाइड कॉपी सार्वजनिक कर दी जाएगी। 9 अक्टूबर को मान्यता कार्यकाल समाप्त होगा।

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