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मेडिकल एग्जामिनेशन के नाम पर BSP मजदूरों को काम से निकालने पर विवाद, इस्पात मंत्री, SAIL कारपोरेट आफिस, श्रमायुक्त तक पहुंची बात

मेडिकल एग्जामिनेशन के नाम पर BSP मजदूरों को काम से निकालने पर विवाद, इस्पात मंत्री, SAIL कारपोरेट आफिस, श्रमायुक्त तक पहुंची बात
  • संयंत्र की सेवा करते हुए बीमारी से ग्रसित श्रमिकों को प्रबंधन मुवाबजा दे, जिससे उनके परिवार का भरण पोषण हो सके।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट में मेडिकल एग्जामिनेशन के नाम पर ठेका श्रमिकों को काम से निकालने के दावे पर अब बीएसपी वर्कर्स यूनियन भी सामने आ गया है। इस प्रवृत्ति को अमानवीय करार दिया है। प्रबंधन से मांग की गई है कि मजदूरों के साथ न्याय किया जाए। इस तरह की हरकत से भिलाइर की छवि खराब होती है। परिवार संकट में आएगा। इसलिए तत्काल मामले को गंभीरता से लिया जाए।

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बीएसपी वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष उज्जवल दत्ता ने डायरेक्टर इंचार्ज और मुख्य श्रमायुक्त को पत्र लिख कर मेडिकल अनफिट के नाम पर वर्षों से कार्यरत ठेका श्रमिकों को कार्य से निकलने का विरोध किया। कहा-वर्षों से कार्यरत ठेका श्रमिकों को मेडिकल के नाम पर नया गेटपास न बनाना अमानवीय कृत है, क्योंकि जो ठेका श्रमिक वर्षों से भिलाई इस्पात संयंत्र की सेवा दे रहे हैं, उनकी जांच में ऐसी क्या गंभीर बीमारी पाई जा रही है, जिस कारण वो भविष्य में भिलाई इस्पात संयंत्र में काम नहीं कर सकते। प्रबंधन स्पष्ट करे। संयंत्र की सेवा करते हुए बीमारी से ग्रसित श्रमिकों को प्रबंधन मुवाबजा दे, जिससे उनके परिवार का भरण पोषण हो सके।

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ज्ञात हो की वर्तमान समय में भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा एक निजी कंपनी के माध्यम से श्रमिकों का चिकित्सकीय परीक्षण किया जा रहा है। तब से उनकी जांच प्रक्रिया के मापदंड के 100 में 60 से भी ज्यादा श्रमिक मेडिकल अनफिट हो रहे है, जिससे क्षेत्र के स्थानीय श्रमिक का रोजगार छीना जा रहा है। बीएसपी वर्कर्स यूनियन ने मांग किया कि संयंत्र के उच्च प्रबंधन को तत्काल इसमें हस्तक्षेप कर मेडिकल जांच प्रक्रिया का सरलीकरण करे, जिससे किसी भी श्रमिक का रोजगार न छिना जाए।

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यूनियन ने कर्मियों की समस्या को देखते हुए केंद्रीय इस्पात मंत्री एवं सेल चेयरमैन को भी पत्र लिख कर स्थिति से अवगत करवाया है और मांग की है कि मेडिकल के नाम पर किसी भी कर्मी जा रोजगार न छिना जाए।