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भिलाई स्टील प्लांट में जुटे SAIL RSP, BSL, DSP, ISP, JSPL, टाटा स्टील, JSW और NMDC के एक्सपर्ट, पढ़िए डिटेल

भिलाई स्टील प्लांट में जुटे SAIL RSP, BSL, DSP, ISP, JSPL, टाटा स्टील, JSW और NMDC के एक्सपर्ट, पढ़िए डिटेल
  • भिलाई इस्पात संयंत्र की मेजबानी में 65वीं रिफ्रैक्टरी संचालन समिति बैठक का उद्घाटन।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र (SAIL Bhilai Steel Plant) का रिफ्रैक्टरी इंजीनियरिंग विभाग (Refractory Engineering Department), आरडीसीआईएस के सहयोग से भिलाई निवास में 65वीं रिफ्रैक्टरी ऑपरेटिंग कमेटी (आरओसीएम) की बैठक का आयोजन कर रहा है। आरओसीएम के लिए इस वर्ष की थीम “रोल ऑफ ऑपरेटिंग कंडीशनस ऑन परफॉरमेंस ऑफ स्टील लैडल रिफ्रैक्टरी लाइनिंग एंड फ्यूचर लाइनिंग मटेरियल्स (Role of Operating Conditions on the Performance of Steel Ladle Refractory Lining and Future Lining Materials)” है।

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दो दिवसीय रिफ्रैक्टरी संचालन समिति बैठक का उद्घाटन मुख्य अतिथि, निदेशक प्रभारी (सेल-बीएसपी) अनिर्बान दासगुप्ता द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) अंजनी कुमार, कार्यपालक निदेशक (ऑपरेशंस-सेल) वरिंदर धवन, कार्यपालक निदेशक (परियोजनाएं) एस मुखोपाध्याय, कार्यपालक निदेशक (सामग्री प्रबंधन) अजय कुमार चक्रबर्ती, कार्यपालक निदेशक( कार्मिक एवं प्रशासन) पवन कुमार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रभारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवांयें) डॉ एम रविन्द्रनाथ, मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (आयरन) तापस दासगुप्ता, मुख्य महाप्रबंधक (आरईडी) सुधीर कुमार तथा महाप्रबंधक (रिफ्रैक्टरी-आरडीसीआईएस) एवं (सचिव- आरओसीएम) मनीष कुमार कुजूर उपस्थित थे।

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इसके अतिरिक्त, इस्पात बिरादरी के अन्य मुख्य महाप्रबंधक प्रभारीगण, मुख्य महाप्रबंधकगण, महाप्रबंधकगण, वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारीगण सहित सेल और अन्य इस्पात संयंत्रों की विभिन्न इकाइयों से कई रिफ्रैक्टरी ऑपरेटर्स मौजूद थे।

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देश के इन नामी स्टील कारखानों से पहुंचे प्रतिनिधि

उल्लेखनीय है कि भारत की विभिन्न इस्पात संयंत्रों दुर्गापुर इस्पात संयंत्र, इस्को बर्नपुर इस्पात संयंत्र, बोकारो इस्पात संयंत्र, राउरकेला इस्पात संयंत्र, एलॉय इस्पात संयंत्र, सेलम इस्पात संयंत्र, आरआईएनएल और सेल की खदानों के साथ-साथ जेएसपीएल, टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू और एनएमडीसी सहित भारत के विभिन्न इस्पात इकाइयों के 60 से अधिक प्रतिनिधि और आरईडी-भिलाई इस्पात संयंत्र, आरडीसीआईएस और एसआरयू-भिलाई के लगभग 40 प्रतिभागी इस्पात संयंत्र के रिफ्रैक्टरी इंजीनियर, रिफ्रैक्टरीज क्षेत्र में नई अवधारणाओं पर चर्चा करने, साझा करने और सीखने के लिए के इस दो दिवसीय बैठक में प्रतिनिधि के रूप में भाग ले रहे हैं।

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बीएसपी के डायरेक्टर इंचार्ज ने कहा…

अनिर्बान दासगुप्ता ने अपने संबोधन में कहा, कि रिफ्रैक्टरी स्टील उत्पादन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। रिफ्रैक्टरीज में काम करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, क्योंकि सुरक्षा प्रोटोकॉल के प्रति थोड़ी सी भी लापरवाही सबके लिए खतरनाक साबित हो सकती है, इसलिए हमें सुरक्षा पालन प्रोटोकॉल को हमेशा सर्वोपरि रखना चाहिए। उन्होंने कहा मुझे उम्मीद है कि यहां प्रस्तुत किए जाने वाले तकनीकी शोध पत्रों पर सामूहिक चर्चा से भारत में इस्पात विनिर्माण के लिए अधिक कुशल, सस्टेनेबल और लागत प्रभावी रिफ्रैक्टरी संचालन के लिए, रिफ्रैक्टरी अनुप्रयोगों में नवीनतम रुझानों का पता लगाने के लिए नई अंतर्दृष्टि और विचार सामने आएगी।

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रिफ्रेक्ट्रीज के प्रदर्शन पर प्रोडक्शन निर्भर

वरिंदर धवन ने अपने विचार साझा करते हुए कहा, कि हमारे इस्पात संयंत्रों में उत्पादित स्टील की गुणवत्ता और सुरक्षा, रिफ्रेक्ट्रीज के प्रदर्शन पर काफी निर्भर करती है।

धवन ने कहा, यह 65वीं रिफ्रैक्टरी संचालन समिति की बैठक, भारत के विभिन्न इस्पात संयंत्रों के विभिन्न रिफ्रैक्टरी इंजीनियरों को अपने अनुभव साझा करने और रिफ्रैक्टरी लाइफ में सुधार, विशिष्ट लागत व रिफ्रैक्टरीज़ की खपत में कमी सम्बन्धी नवाचार में अपने नवीन शोधों को प्रस्तुत करने का एक उचित अवसर और उत्कृष्ट मंच प्रदान करता है।

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बैठक के एजेंडे पर रिपोर्ट

प्रारंभ में मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (लौह) तापस दासगुप्ता ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया एवं महाप्रबंधक (रिफ्रैक्टरी-आरडीसीआईएस) एवं (सचिव-आरओसीएम) मनीष कुमार कुजूर ने बैठक के एजेंडे पर रिपोर्ट के रूप में एक संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया।

इस अवसर पर प्रबंधक (आरईडी) पुष्पेंद्र सिंह और प्रबंधक (एचआरडी) अवंथी वुछुला ने कार्यक्रम का संचालन किया तथा मुख्य महाप्रबंधक (आरईडी) सुधीर कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।

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20 तकनीकी शोध पत्र

इस दो दिवसीय बैठक में भाग ले रहे प्रतिनिधियों द्वारा लगभग 20 तकनीकी शोध पत्र प्रस्तुत किये जाएगे। यह 65वीं आरओसीएम बैठक भारत की रिफ्रैक्टरी बिरादरी को विशिष्ट लागत और विशिष्ट खपत में कटौती करने के लिए, रिफ्रैक्टरी से सम्बन्धित नई तकनीकें विकसित करने और अपनाने में मदद करेगा, क्योंकि रिफ्रैक्टरी किसी भी इस्पात संयंत्र के लागत मैट्रिक्स पर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

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