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SAIL में NJCS सब-कमेटी के नाम पर झांसेबाजी, राजहरा में खदान कर्मी बकाया एरियर, ग्रेच्युटी, DASA पर कर रहे महाधरना

SAIL में NJCS सब-कमेटी के नाम पर झांसेबाजी, राजहरा में खदान कर्मी बकाया एरियर, ग्रेच्युटी, DASA पर कर रहे महाधरना
  • प्रबंधन के रवैया से क्षुब्ध, स्टील वर्कर्स फेडरेशन आफ इंडिया ( सीटू) ने अब ठान लिया है कि सेल में सिलसिलेवार संघर्ष को तेज करते हुए प्रबंधन से आर-पार की लड़ाई करनी होगी।

सूचनाजी न्यूज, राजहरा। स्टील वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (सीटू) के आह्वान पर सेल कर्मियों के वेज रिवीजन एवं लंबित मांगों को लेकर शुक्रवार को हिंदुस्तान स्टील इम्प्लाइज यूनियन सीटू राजहरा के नेतृत्व में खदान कर्मचारियों ने माइंस ऑफिस के समक्ष विशाल महाधरना किया।

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उल्लेखनीय है कि सेल के नियमित कर्मचारियों के आधे अधूरे वेतन समझौते और ठेका मजदूरों की वेतन बढ़ोतरी पर प्रबंधन के नकारात्मक रवैए के खिलाफ खदान सहित पूरे सेल के कर्मचारी बेहद आक्रोशित हैं।

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यूनियन नेताओं का कहना है कि सेल की तमाम इकाइयों में विगत एक वर्ष से अलग-अलग प्रकार से धरना प्रदर्शन के माध्यम से यह प्रयास किया गया कि प्रबंधन जल्द से जल्द एनजेसीएस की बैठक बुलाकर लंबित मुद्दों का निराकरण करे, लेकिन सेल प्रबंधन अपने अड़ियल रवैया पर डटा हुआ है। लगभग एक वर्ष से इन मुद्दों पर कोई पहल प्रबंधन की ओर से नहीं की जा रही है।

प्रबंधन के इस रवैया से क्षुब्ध, स्टील वर्कर्स फेडरेशन आफ इंडिया ( सीटू) ने अब ठान लिया है कि सेल में सिलसिलेवार संघर्ष को तेज करते हुए प्रबंधन से आर-पार की लड़ाई करनी होगी। इसी रणनीति के तहत पूरे सेल में 15 और 16 जून को विशाल धरना कर प्रबंधन को आगाह किए जाने का कार्यक्रम किया जा रहा है।

दल्ली राजहरा में आयोजित खदान कर्मियों के धरने को संबोधित करते हुए यूनियन के सचिव प्रकाश क्षत्रिय ने कहा कि सेल प्रबंधन का रवैया न केवल नकारात्मक है बल्कि श्रमिक विरोधी भी है। प्रबंधन लगातार किसी न किसी बहाने सेल कर्मचारियों को मिली हुई सुविधाओं और लाभों में एकतरफा ढंग से कटौती करने के आदेश जारी करते जा रहा है।

ग्रेज्युटी सीलिंग का आदेश इसका ज्वलंत उदाहरण है। उन्होंने कहा कि सेल में पहली बार ऐसा हुआ है जब बहुमत यूनियनों के हस्ताक्षर से सेल कर्मियों पर एक नुकसानदेह,और अधूरा वेतन समझौता लाद दिया गया। बेहद कम एमजीबी पर 10 साल के लिए किया गया वेतन समझौता किसी भी कीमत पर कर्मचारियों के हित में नहीं है। इस समझौते में 39 माह के एरियर्स के संबंध में कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं किए जाने के कारण सेल के कर्मचारी एरियर्स से आज तक वंचित हैं।

इसी तरह नाइट शिफ्ट एलाउंस, एचआरए एवं अन्य भक्तों पर मात्र कमेटी बनाकर छोड़ दिया गया है, जिन कमेटियों की बैठक तक नहीं हो रही है। आक्रोशित कर्मचारी अपना गुस्सा सोशल मीडिया पर उतार रहे हैं लेकिन समस्या का समाधान संघर्ष के बिना नहीं निकलने वाला है।
उन्होंने कहा कि बहुमत के आधार पर समझौते पर हस्ताक्षर करने वाली यूनियने अब ना तो प्रबंधन से कुछ करवा पा रही है और ना ही संघर्ष के मैदान में उतरने को तैयार हैं। यूनियन के अध्यक्ष पुरषोत्तम सिमैया ने कहा कि कर्मचारियों को नुकसान पहुंचाकर चुप्पी साधे यूनियनों से कोई उम्मीद नहीं की जा सकती है। खदान की भी कुछ यूनियनों ने खदान कर्मचारियों का दासा 10% की जगह 8% करवा दिया।जिसके खिलाफ सीटू आज भी संघर्षरत है। हमें नये बेसिक पर 10% दासा हर हाल में चाहिए।

यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष ज्ञानेन्द्र सिंह ने कहा कि सेल के ठेका मजदूरों के साथ प्रबंधन व बहुमत यूनियनों ने बहुत बडी धोखाधड़ी की है। 30 जून का हडताल में यूनियनों ने वादा किया था कि नियमित व ठेका कर्मचारियों का वेतन समझौता एक साथ किया जायेगा लेकिन अक्टूबर में ठेका मजदूरों को दरकिनार कर एक आधा अधूरा समझौता कर लिया गया। ठेका मजदूरों को मात्र कमेटी का लालीपॉप ही मिल पाया।

इस कमेटी में भी प्रबंधन मात्र ए डब्ल्यू ए में 30% बढोतरी का शर्मनाक प्रस्ताव देकर चुप हो गया। ठेका मजदूरों के लिए अच्छे वेतन की मांग का एक कानूनी आधार है आज सेल ठेका मजदूर नियमित कर्मचारियों का पूरा काम संभाल रहे हैं, जबकि एन जे सी एस एग्रीमेंट और कांट्रैक्ट लेबर एक्ट में स्पष्ट है कि ठेका मजदूरों को स्थायी प्रकृति के काम में नहीं लगाया जा सकता, फिर भी प्रबंधन द्वारा जब इन मजदूरों से नियमित कर्मचारियों का काम लिया जा रहा है।

महाधरना में ये रहे मौजूद
महाधरना में यूनियन के पदाधिका जे गुरुवुलु, चार्ली वर्गिस, मुकेश मानस, विजय शर्मा, मान सिंह कनवर, इंद्रदमन सिंह ठाकुर, रामाधीन राम, बृजमोहन, सुनील, प्रशांत त्रिवेदी, सुजीत मुखर्जी,हरिश्चन्द्र मंढारे, बीएल रोकडे, यशवंत भंडारी, सुजीत मंडल, गिरीश सिंह, यसवंत सिंह, भोज राम साहू, जसवंत, कमलेश,मंगेश,अजय चौबे, गंगाधर साहू, सुरेश,ईश्वर खरे, भास्कर दर्रो, बबलू शाह आदि मौजूद रहे।

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