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SAIL Wage Agreement पर सुनवाई दिल्ली से अब उप श्रमायुक्त केंद्रीय रायपुर के दरबार में, परिवाद स्वीकार होगा या खारिज, फैसला 11 जुलाई को

SAIL Wage Agreement पर सुनवाई दिल्ली से अब उप श्रमायुक्त केंद्रीय रायपुर के दरबार में, परिवाद स्वीकार होगा या खारिज, फैसला 11 जुलाई को
  • अगर, आवेदन स्वीकार किया गया तो सेल के डायरेक्टर पर्सनल, डायरेक्टर फाइनेंस, एमओयू में शामिल ईडी, सीजीएम को भी यहां आना होगा। अगर, आवेदन खारिज किया गया तो मामला फिर दिल्ली जाएगा।

अज़मत अली, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (Steel Authority Of India Limited) के कर्मचारियों के आधे-अधूरे वेतन समझौते को लेकर बवाल मचा हुआ है। पीएमओ, श्रम मंत्री को लिखी गई चिट्‌ठी पर केंद्रीय श्रम आयुक्त ने ध्यान दिया। लेकिन, दिल्ली में मामले की सुनवाई से इन्कार किया। अब मामला उप श्रमायुक्त केंद्रीय रायपुर के दरबार में आ चुका है।

आवेदन के लिए बीएससी की यूनियन ने समय मांगा। उप श्रमायुक्त की तरफ से 11 जुलाई का समय दिया गया है। बताया जा रहा है कि यूनियन के प्रतिनिधि रायपुर कार्यालय में संबंधित अधिकारियों से मिलकर सारे दस्तावेज दिखाएंगे। सीएलसी द्वारा दिए गए आदेश की जानकारी दी जाएगी।

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बीएसपी की यूनियन रायपुर में रजिस्टर्ड है, इसलिए दिल्ली में सुनवाई नहीं हो सकी। अब मामला रायपुर में ही चलेगा। लेकिन, सवाल यह है कि 11 जुलाई को उप श्रमायुक्त आवेदन को स्वीकार करेंगे या खारिज करेंगे। क्योंकि सेल वेज एग्रीमेंट दिल्ली में हुआ है।

सेल की इकाइयों के कर्मचारियों के वेतन समझौता के लिए एमओयू दिल्ली में हुआ है। ऐसे में सेल के सभी प्लांट के कर्मचारियों का मामला रायपुर में कैसे उप श्रमायुक्त सुन सकते हैं। इन सवालों का जवाब भी 11 तारीख को मिल जाएगा।

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अगर, आवेदन स्वीकार किया गया तो सेल के डायरेक्टर पर्सनल, डायरेक्टर फाइनेंस, एमओयू में शामिल ईडी, सीजीएम को भी यहां आना होगा। अगर, आवेदन खारिज किया गया तो मामला फिर दिल्ली जाएगा।

ऐसे में बीएसपी की यूनियन दो पाले में फुटबाल बन सकती है। इसको ध्यान में रखते हुए यूनियन नेताओं ने आगे की तैयारी भी कर ली है। श्रम मंत्री से मिलकर श्रम विभाग की कार्य प्रणाली की शिकायत आदि की जाएगी।

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इधर, बीएसपी की तरफ से कहा जा रहा है कि वेज एग्रीमेंट को लेकर उसकी कोई भूमिका ही नहीं है। सेल की सभी इकाइयों का फैसला दिल्ली में होता है, भिलाई में नहीं। एमओयू में सेलम स्टील प्लांट, भद्रावति, आरआइएनएल सहित सभी यूनिट का भी प्रतिनिधित्व होता है। बीएसपी अकेले कैसे फैसला कर सकता है।

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