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श्री जगन्नाथ मंदिर सेक्टर-4 में महर्षि अरबिन्दों के विचार, सनातन धर्म के महत्व-प्रसार का दिया मंत्र

श्री जगन्नाथ मंदिर सेक्टर-4 में महर्षि अरबिन्दों के विचार, सनातन धर्म के महत्व-प्रसार का दिया मंत्र
  • रथयात्रा के महत्व को प्रतिपादित करते हुए आध्यात्मिक चेतना के विभिन्न चरणों पर प्रकाश डाला गया।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। श्री जगन्नाथ मंदिर सेक्टर – 4 में महर्षि अरबिन्दों के 150वीं जयंती के अवसर पर एक आध्यात्मिक व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। इसमें ओडिशा के कोरापुट जिले में स्थित अरबिन्द आश्रम के प्रख्यात प्रचारक शामिल हुए। अरबिन्द आश्रम से संबद्ध “इगर टू फोर्ज ए हेड” ग्रुप संपूर्ण भारत वर्ष में भ्रमण कर अरबिन्द जी के विचारों तथा सनातन धर्म की महत्ता पर प्रचार प्रसार किया जा रहा है। इसी तारतम्य में कोरापुट ओडिशा से पधारे बिनोद बिहारी दास, सच्चिदानंद रथ, लिपिका रथ द्वारा महाप्रभु श्री जगन्नाथ स्वामी जी का रथ और महर्षि श्री अरबिन्दो के विचार पर व्याख्यान दिया गया।

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रथयात्रा के महत्व को प्रतिपादित करते हुए आध्यात्मिक चेतना के विभिन्न चरणों पर प्रकाश डाला गया। इस अवसर पर अरबिन्द आश्रम भिलाई के सचिव हेमन्त बारीक ने भी मानवीय चेतना के विभिन्न स्तरों की गंभीर व्याख्या की।

इस अवसर पर जगन्नाथ समिति के अध्यक्ष वीरेन्द्र सतपथी व महासचिव सत्यवान नायक सहित अरबिन्द आश्रम से संबद्ध “इगर टू फोर्ज ए हेड” ग्रुप के श्री बिनोद बिहारी दास, श्री सच्चिदानंद रथ तथा अरबिन्द आश्रम भिलाई के सचिव हेमन्त बारीक तथा अमरेश शर्मा मंचस्थ थे। कार्यक्रम का शुभारंभ महाप्रभु जगन्नाथ स्वामी जी की पूजा अर्चना के साथ-साथ अरबिन्दो जी के फोटो पर पुष्पांजलि देकर किया गया।

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इस कार्यक्रम में लिपिका रथ द्वारा सुमधुर प्रार्थना की प्रस्तुति तथा भक्तजनों द्वारा पूछे गये प्रश्नों का उत्तर देकर शंका समाधान किया। कार्यक्रम का संचालन व आभार प्रदर्शन जगन्नाथ समिति के महासचिव सत्यवान नायक ने किया।

इस आध्यात्मिक कार्यक्रम को सफल बनाने में जगन्नाथ समिति के अध्यक्ष वीरेन्द्र सतपथी व महासचिव सत्यवान नायक सहित समिति के पदाधिकारी बसंत प्रधान, डी त्रिनाथ, भीम स्वांई, त्रिनाथ साहू, सुषांत सतपथी, बीसी बिस्वाल, वृंदावन स्वांई, प्रकाश दास, कालू बेहरा, निरंजन महाराणा, रंजन महापात्रा, प्रकाश स्वांई, कैलाश पात्रो, कवि बिस्वाल, सीमांचल बेहरा, शंकर दलाई आदि ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस आध्यात्मिक व्याख्यान माला में बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित थे।