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आधुनिक तीर्थ की रक्षा के लिए सड़क पर उतरी जनता, संयंत्र की बिक्री रोकने आर पार की लड़ाई लड़ रहे यूनियन नेता ‌

आधुनिक तीर्थ की रक्षा के लिए सड़क पर उतरी जनता, संयंत्र की बिक्री रोकने आर पार की लड़ाई लड़ रहे यूनियन नेता ‌

सूचनाजी न्यूज, भिलाई।श्रेष्ठतम प्रौद्योगिकी से निर्मित अत्याधुनिक वाईज़ाग इस्पात संयंत्र (Vizag Steel Plant) को बंद करने की साज़िश के खिलाफ एवं वाईज़ाग स्टील प्लांट को सेल के साथ मर्ज करने की मांग को लेकर ट्रेड यूनियनों एवं किसान संगठनों द्वारा पूरे आंध्र प्रदेश में रास्ता रोको आंदोलन का आव्हान किया गया जिसके तहत10 सितंबर मंगलवार को जबरदस्त प्रदर्शन हुआ।

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People came out on the streets to protect the modern pilgrimage, union leaders are fighting a do-or-die battle to stop the sale of the plant

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आंदोलन कर्ताओं की मांग है कि केंद्र सरकार वाईज़ाग इस्पात संयंत्र को बंद करने या बेचने की किसी भी योजना को तत्काल वापस ले एवं वाईज़ाग स्टील प्लांट को तत्काल सेल में मर्ज करने का काम प्रारंभ करें ताकि पूरी रफ्तार से उत्पादन किया जा सके।

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वाईज़ाग स्टील प्लांट को आवंटित करें लोह खदान

सीटू ने केंद्र सरकार से मांग की है कि वाईज़ाग इस्पात संयंत्र को स्वयं का खदान आवंटित किया जाए ताकि आयरन ओर की कमी से जूझ रहा विशाखापट्टनम स्टील प्लांट को संकट से उबरा जा सके, किंतु केंद्र सरकार ने विशाखापट्टनम स्टील प्लांट आयरन ओर माइंस आवंटित करने के बजाय नया-नया बहाना बता रही है एवं किसी भी तरह से विशाखापट्टनम स्टील प्लांट को अपने कॉर्पोरेट मित्र गौतम अदानी वाईज़ाग को सौंप देना चाहती है ।

People came out on the streets to protect the modern pilgrimage, union leaders are fighting a do-or-die battle to stop the sale of the plant

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विशाखापट्टनम स्टील प्लांट पर नजर है गौतम अदानी का

केंद्र सरकार की यह साजिश है कि किसी तरह वाईज़ाग इस्पात संयंत्र (Vizag Steel Plant) बंद हो जाए ताकि वाईज़ाग स्टील प्लांट (Vizag Steel Plant) के जगह पर गौतम अदानी अपना डम्प यार्ड बना सके। इसलिए सरकार वाईज़ाग इस्पात संयंत्र को लौह खदान आबंटित नहीं किया। ज्ञात हो वो कि केंद्र सरकार वाईज़ाग इस्पात संयंत्र से लगा हुआ विश्व का सर्वाधिक गहरा एवं सर्वश्रेष्ठ बंदरगाह गंगावरम बंदरगाह, गौतम अदाणी को आबंटित कर दिया है।

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अब गौतम अदानी की नजर विशाखापट्टनम स्टील प्लांट पर है जो समुद्र से लगा हुआ है और गौतम अदाणी बाहर से इंपोर्ट करके लाने वाले कोयला को बंदरगाह से कन्वेयर बेल्ट के सहारे आसानी से लाकर विशाखापट्टनम प्लांट की एरिया में डंप करके रखना चाहता है।

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1300 दिनों से अधिक दिनों से लगातार संघर्ष कर रहे हैं विशाखापट्टनम प्लांट के साथी

साजिश के तहत विशाखापत्तनम स्टील प्लांट में काम करने वाले कर्मियों को 2017 का वेतन का लाभ नहीं दिया गया किसी भी तरह से विशाखापट्टनम संयंत्र में काम करने वाले कर्मियों का मनोबल तोड़कर संयंत्र को निजी हाथों में सौंप देना चाहते हैं इसके खिलाफ विशाखापत्तनम स्टील प्लांट (Visakhapatnam Steel Plant) के कर्मी एवं विशाखापट्टनम सहित पूरे आंध्र प्रदेश की जनता लगभग 1300 दिनों से संघर्ष कर रही है इस संघर्ष के साथ भिलाई के साथी अपनी एकजुट व्यक्त करते हैं। एचएसईयू, भिलाई (सीटू)

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