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कहने को इंटरनेशनल तालपुरी कॉलोनी, हालात नर्क से बदतर, सांसद जी दीजिए ध्यान…

कहने को इंटरनेशनल तालपुरी कॉलोनी, हालात नर्क से बदतर, सांसद जी दीजिए ध्यान…
  • रिसाली नगर निगम पर लगाए गए लापरवाही के आरोप।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। लगभग 4000 मकानों वाली तालपुरी इंटरनेशनल कॉलोनी (Talpuri International Colony) के रहवासी जानलेवा दुर्गंध से परेशान हैं। लगातार आवाज उठाई जा रही है। पिछली भाजपा सरकार के समय आवाज उठी, फिर कांग्रेस की आई अब फिर भाजपा सरकार में है। लेकिन, समस्या जस की तस है। रहवासी सांसद विजय बघेल के पास पहुंचे और समस्या समाधान के लिए बातचीत की।

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सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) (Sewage Treatment Plant (STP)) के संचालन से उत्पन्न जानलेवा दुर्गंध की समस्या को वर्षों से झेल रहे पीड़ित रहवासियों का एक प्रतिनिधि मंडल आज तालपुरी बी ब्लॉक संघर्ष समिति (Talpuri B Block Sangharsh Samiti) के संयोजक सुनील चौरसिया के नेतृत्व मे दुर्ग के सांसद विजय बघेल (Durg MP Vijay Baghel) से मिलकर इसके निदान हेतु गुहार लगाई। जिस पर सांसद ने इसे गंभीरता से लेते हुए कहा कि यह एक वाजिब मांग है, जिसके स्थाई निराकरण के लिए तत्काल आवश्यक कार्यवाही करने हेतु रिसाली नगर निगम को कहा जाएगा। स्थानीय विधायक से भी चर्चा की जाएगी।

The condition of International Talpuri Colony is worse than hell, residents met MP Vijay Baghel

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उन्होंने कहा कि कॉलोनी के अंदर मकानों के नजदीक एस.टी.पी. का निर्माण ही गलत निर्णय था। हाउसिंग बोर्ड (Housing Board) के इस आदूरदर्शिता की वजह से निवासी दुर्गन्ध से परेशान हैं। महामारी का खतरा भी बना हुआ है, जिसके जल्द निराकरण की आवश्यकता है। बघेल के समक्ष प्रस्तावित ड्राइंग पेश करते हुए वर्णन किया गया।

The condition of International Talpuri Colony is worse than hell, residents met MP Vijay Baghel

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सुनील चौरसिया का कहना है कि यह दोनों ब्लॉक की समस्या है। कॉलोनी में स्थित एसटीपी (STP) के सम्प में एकत्र सिवेज दूषित जल के शोधन से बदबू फैलती है, अतः दूषित जल के कॉलोनी मे शोधन न कर एकत्र सिवेज को पाइप लाइन से कॉलोनी से बाहर कर अन्य नेटवर्क से जोड़ देना चाहिए। इसके लिए संघर्ष समिति के अथक प्रयास से सितम्बर 2020 मे ही बीएसपी से अनुमति पत्र निगम को मिल चुका था, जो कि निगम के लिए अच्छा अवसर था। परन्तु नगर निगम रिसाली की उदासीनता व इच्छाशक्ति की कमी की वजह से इस दिशा में आज तक कोई कार्य नहीं हुआ।

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इससे वर्तमान में एसटीपी (STP) पर वार्षिक रखरखाव खर्च लगभग 50 लाख रुपये की बचत निगम को होगी। इतना ही नही पर्यावरण के लिए भी मील का पत्थर साबित होगा।

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प्रतिनिधि मंडल में डा. लक्ष्यप्रद, सीता राम मालवीय, सुरेश बन्छोर, वेणुगोपाल देवांगन, काशी राम देशमुख, विजय नायडू, चिरंजीत चौधरी, आईके सिंह, सुरेश पिल्ले, सुशील सिंह, जीडी हल्दकर, श्याम लाल वर्मा, ललित वर्मा, जेके अधिकारी, आरएन साहू, विजय तातोड़े, रूप सिंह देवांगन, सीके खांडेकर, पीएस दुधे आदि शामिल थे।

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