Suchnaji

Bhilai Township के 10 हजार मकान-दुकान की रजिस्ट्री का मामला हुडको की तरह करें हल, सब होंगे खुश

Bhilai Township के 10 हजार मकान-दुकान की रजिस्ट्री का मामला हुडको की तरह करें हल, सब होंगे खुश

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई टाउनशिप में हाउस लीज रजिस्ट्री को लेकर विवाद गहराया हुआ है। तरह-तरह के सुझाव दिए जा रहे हैं। भिलाई के व्यापारियों की तरफ से सलह दी गई है कि भिलाई इस्पात संयंत्र आमदी सेक्टर हुडको की तरह सभी आवासीय भवनों एवं व्यवसायिक परिसरों को पंजीकृत करने के लिए राज्य शासन से आग्रह करे। इस्पात संयंत्र के कर्मचारियों के द्वारा अपने आवंटित भूमि पर किए गए निर्माण को नियमित करने की प्रक्रिया एवं दुकानों के आवासीय एवं व्यावसायिक परिसर को पंजीकृत किए जाने का आदेश जारी करने का अनुरोध करना चाहिए।

भिलाई स्टील सिटी चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष ज्ञानचंद जैन ने कहा है कि भिलाई इस्पात संयंत्र ने निर्माण करने वाली संस्था हड़को के माध्यम से अपने कर्मचारियों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आमदी सेक्टर हुडको में आवास बनाकर दिया था। लेकिन समय की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए आवंटन धारी व्यक्तियों ने अतिरिक्त निर्माण (बिना प्रशासनिक अनुमति) अपनी सुविधा के लिए किया था। किए गए निर्माण को पूर्व में भिलाई इस्पात संयंत्र ने वैधानिक मान्यता नहीं दी थी जिसके कारण सभी आवासीय परिसर में निवास करने वाले नागरिक अनेक परेशानियों का सामना कर रहे थे।

AD DESCRIPTION

तत्कालीन राज्य सरकार ने राजस्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडे के निर्देश पर आवंटित निर्माण को राज्य शासन ने टोकन मनी लेकर नियमित कर दिया था। इसके पश्चात राज्य शासन ने पंजीयन की प्रक्रिया आरंभ की थी। इसी प्रक्रिया को लागू किया जाना चाहिए। 4500 आवास एवं लगभग 6000 दुकानदारों के आवासीय भवनों पर हुए अतिरिक्त निर्माण को वैध किया जा सके और लगभग 10,000 उपभोक्ताओं को राज्य शासन की सुविधा का लाभ मिल सके।

ज्ञानचंद जैन ने कहा है कि यदि राज्य सरकार इन नियमों के तहत आवंटित क्षेत्र को नियमित कर देती है तो शहर के आवासीय परिसर मैं रहने वाले लोग शांतिपूर्वक जीवन व्यतीत कर सकेंगे। अन्यथा अतिरिक्त निर्माण के नाम पर भिलाई इस्पात संयंत्र अथवा नगर पालिक निगम मोटी राशि की मांग कर सकता है, जिसका भुगतान कर पाने की स्थिति में शहर के उपभोक्ता नहीं है। ऐसी स्थिति में समस्या यथावत बनी रहेगी।

ज्ञानचंद जैन ने कहा है कि भिलाई इस्पात संयंत्र लीज पद्धति पर आवंटित दुकानों एवं आवासीय परिसर के आवंटन के समय प्रीमियम की राशि भूमि दर के हिसाब से भिलाई इस्पात संयंत्र ने ले ली थी। इसलिए अनुबंध के मुताबिक जिन आवंटन धारियों के आवासीय अथवा व्यवसायिक परिसर लीज समाप्त हो चुकी है। उन सभी आवासीय व्यवसायिक परिसर को अनुबंध के मुताबिक सेवा शुल्क एवं भू भाटक लेकर के नियमों के तहत नियमित किया जाना चाहिए ।

ज्ञान चंद जैन ने कहा है कि भिलाई इस्पात संयंत्र ने रेल मिल के विस्तार के समय छत्तीसगढ़ शासन के तत्कालीन राजस्व सचिव ने कलेक्टर दुर्ग के कार्यालय में वर्ष 2002 में संपन्न बैठक में इस बात का निर्णय भी हुआ था कि यदि कर्मचारी अपने आवासीय परिसर पर अतिरिक्त निर्माण कर लेता है तो भिलाई इस्पात संयंत्र स्वयं नगर निगम के नियमों के तहत नियमित करेगा।

संबंधित उपभोक्ता को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करेगा, ताकि उपभोक्ता अपने निर्माण को नगर पालिक निगम के माध्यम से निर्मित करा सकें। भिलाई प्रबंधन को इसी दिशा में कार्य करना चाहिए।