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SAIL Wage Agreement Dispute: श्रमायुक्त ने दिल्ली में सुनवाई से खींचा हाथ, रायपुर के पाले में आई वेज एग्रीमेंट की गेंद, प्रबंधन को घेरने में युवा सफल

SAIL Wage Agreement Dispute: श्रमायुक्त ने दिल्ली में सुनवाई से खींचा हाथ, रायपुर के पाले में आई वेज एग्रीमेंट की गेंद, प्रबंधन को घेरने में युवा सफल
  • प्रबंधन ने एमओयू कराने के लिए सक्रियता दिखाई थी। अब एग्रीमेंट की बारी है तो मीटिंग तक नहीं बुलाई जा रही है।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के कर्मचारियों के वेतन समझौते का मामला हल होता नहीं दिख रहा है। लेकिन, युवा कर्मचारियों की कोशिश जरूर कामयाब रही। सेल प्रबंधन की घेराबंदी करने में कामयाबी मिली है। दिल्ली में सुनवाई के लिए प्रबंधन और यूनियन को बुलाया गया, लेकिन कुछ भी सहमति नहीं बन सकी। केंद्रीय श्रमायुक्त ने यह मामला रायपुर डिप्टी सीएलसी के पाले में डाल दिया है।

यूनियन छत्तीसगढ़ में रजिस्टर्ड है, इसलिए यह मामला भी छत्तीसगढ़ में ही सुना जाएगा। रायपुर के डिप्टी सीएलसी के पास वेज एग्रीमेंट मामले पर परिवाद दायर करना होगा। खास बात यह है कि इस पर श्रम विभाग की नजर रहेगी।

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चीफ लेबर कमिशनर-सेंट्रल दिल्ली (Chief Labor Commissioner Central Delhi) के यहां स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (Steel Authority of India Limited) और बीएसपी अनाधिशासी कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों के बीच समझौता वार्ता बुधवार दिन में हुई। काफी देरी से मीटिंग शुरू हुई।

यूनियन के पदाधिकारियों ने पक्ष रखा कि कर्मचारियों का समझौता आज तक अधूरा है। प्रबंधन ने एमओयू कराने के लिए सक्रियता दिखाई थी। अब एग्रीमेंट की बारी है तो मीटिंग तक नहीं बुलाई जा रही है। वहीं, सेल प्रबंधन की ओर से जवाब दिया गया कि वेतन समझौते को लेकर लगातार बातचीत का दौर जारी है। एनजेसीएस की मीटिंग होने वाली है। इसमें मामला हल कर लिया जाएगा।

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दोनों पक्षों का सुनने के बाद सीएलसी ने सेल प्रबंधन को सलाह दिया कि इम्प्लाइ और इम्प्लायर के बीच मामला जितनी जल्दी हल हो जाए, उतना बेहतर होता है। इसलिए यह कानूनी रूप न लेने पाए, इससे पहले ही इसे हल कर लिया जाए। रायपुर डीएलसी के पास यह मामला रेफर किया जा रहा है। डीएलसी के पास पॉवर है कि वह सुनवाई कर सकते हैं।

वहीं, BAKS की तरफ से बताया गया कि वेज एग्रीमेंट के मुद्दे पर सेल मैनेजमेंट ने अपना जवाब मुख्य श्रमायुक्त केंद्रीय को दे दिया है। जिस पर BAKS के प्रतिनिधियों ने आपत्ति एवं विरोध दर्ज किया। इस पर बहुत देर तक मैनेजमेंट और यूनियन प्रतिनिधियों के बीच बहस हुई।

अंततः मुख्य श्रमायुक्त ने यूनियन को सलाह दिया कि सेल प्रबंधन द्वारा दिए गए पत्र बिंदुवार जवाब बनाकर औद्योगिक विवाद अधिनियम के तहत उपश्रमायुक्त रायपुर के यहां दर्ज करें, जिसकी एक प्रति सीएलसी कार्यालय को भी भेजी जाए। एक कॉपी कॉरपरेट कार्यालय सेल को भी दिया जाए। वहीं, दूसरी तरफ प्रबंधन को सलाह दिया गया कि यूनियन द्वारा उठाए गए मुद्दों का निवारण यथा शिघ्र करें।