सेल के नए चेयरमैन अमरेंदु प्रकाश कार्यभार संभालेंगे। इसके बाद ही एनजेसीएस की मीटिंग का दौर दोबारा शुरू हो सकेगा।
अज़मत अली, भिलाई। पिछले 2 साल में सेल में बहुत कुछ बदला। कर्मचारियों का ब्रेन वॉश करने का तरीका और झांसेबाजी का फॉर्मूला खूब चला…। दारू-मुर्गा तक का दौर आया। 50 ग्राम सोना, ट्रांसफर किए गए कर्मचारियों की घर वापसी, 39 माह के बकाया एरियर की आवाज उठती है। लेकिन जहां अमल होना है, वहीं सन्नाटा पसरा हुआ है…। अब तो सेल कर्मचारियों की जुबां पर शोले फिल्म का डायलॉग आने लगा है कि इतना सन्नाटा क्यों है भाई…।
आप भी यही सोच रहे होंगे कि इतने सन्नाटे में सूचनाजी.कॉम क्यों झकझोर रहा है। बात यह है कि सेल के एक कर्मचारी ने फोन किया और कहा-भैया सब लोग मैनेज हैं…। कहीं कोई कुछ बोल ही नहीं रहा है। सोशल मीडिया पर गाली-गलौज से नेताजी नवाजे जा रहे हैं। दारू-मुर्गा भी वोटिंग तक था, अब वह भी साथ नहीं है। आप ही कुछ लिखिए ताकि जिम्मेदारों की आंखों से पर्दा हट सके। जमीर जागे और कर्मचारियों के हक के मामले में पसरे सन्नाटे को खुशियों में तब्दील किया जा सके।
यह खबर सिर्फ सेल के हर कर्मचारियों की भावना की झलक है। कर्मचारी जो कुछ सोच रहे हैं और बोले रहे हैं, वही आवाज यहां आप पढ़ रहे हैं। चलिए, दो साल पीछे…। वेतन समझौते आदि विषयों को लेकर कर्मचारियों ने हड़ताल किया। इसकी गाज गिराई गई। सस्पेंड और ट्रांसफर तक किए गए। सेल प्रबंधन को भी मौका मिल गया। सोशल मीडिया पर कर्मचारियों को जगाने वाले रणधीर सोनू भी नहीं बच सके। मौके पर चौका मारते हुए बोकारो प्रबंधन ने उन्हें विश्वेश्वरैया स्टील प्लांट में बैठा दिया गया।
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घर वापसी के लिए बोकारो से भिलाई तक भाजपा सांसद, केंद्रीय मंत्रियों, पीएसयू के अधिकारियों ने पैरवी की। सत्ता पक्ष का कोई ऐसा नेता नहीं बचा होगा, जिसने ट्रांसफर की बात न बोली, लेकिन प्रबंधन टस से मस नहीं हुआ। खास विचारधारा का दावा करने वालों की भी दाल नहीं गली…। अब सोनूजी अकेले ही विरोधी खेमे के खुन्नस का सामना कर रहे हैं। इनके अलावा अन्य कर्मचारियों की घर वापसी का मामला ठंडे बस्ते में चला गया। अब तक इंतजार ही किया जा रहा है।
भिलाई स्टील प्लांट में मान्यता यूनियन चुनाव से पहले कर्मचारियों के गुस्से को भुनाने के लिए 50 ग्राम सोने का ख्वाब हर कोई देखने लगा। 50 ग्राम सोना चुनावी मुद्दा तक बना। 50 ग्राम सोना और युवाओं की एकजुटता का ताना-बाना बनते ही रिजल्ट बदल गया। लेकिन कर्मचारियों के अरमानों की मय्यत निकल गई। आज तक 50 ग्राम सोने को लेकर कोई बात नहीं हो रही है…।
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इन सबके बीच अब 39 माह के बकाया एरियर की बात…। वेतन समझौता किसी तरह हुआ…। लेकिन बकाया एरियर का भुगतान अब तक नहीं हुआ। सेल चेयरमैन सोमा मंडल से एनजेसीएस यूनियनों ने उम्मीद लगाई थी कि जाते-जाते वह ख्वाब को हकीकत में दबल जाएंगी। खाते में पैसा आया नहीं, लेकिन मायूसी छा गई…।
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सेल के नए चेयरमैन अमरेंदु प्रकाश कार्यभार संभालेंगे। इसके बाद ही एनजेसीएस की मीटिंग का दौर दोबारा शुरू हो सकेगा। फिलहाल, इस्पात सचिव से मिलकर उन्हें 39 माह के बकाया एरियर भुगतान के बाबत मांग करने का पत्र यूनियनों द्वारा जल्द ही दिया जाएगा। इसका दावा किया जा रहा है।