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RINL को बेचिए मत, बचा लीजिए मंत्रीजी, वेज एग्रीमेंट भी पूरा करा दीजिए

RINL को बेचिए मत, बचा लीजिए मंत्रीजी, वेज एग्रीमेंट भी पूरा करा दीजिए
  • इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिले श्रमिक नेता। सेल व एनएमडीसी से आयरन ओर माइंस के जरिए लौह अयस्क उपलब्ध कराने की मांग की गई है।

सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। विशाखापत्तनम इस्पात संयंत्रआरआईएनएल (RINL) को बिकने से रोकने के लिए हर स्तर पर कोशिश की जा रही है। मान्यता प्राप्त यूनियन एटक के साथ सभी यूनियन के नेताओं ने एकजुटता को बरकरार रखा है। यूनियन नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिला। पीएम मोदी से गुहार लगाई गई है कि सरकार अपना फैसला वापस ले।

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आरआईएनएल की 100% रणनीतिक बिक्री के निर्णय को वापस लेने और सेल व एनएमडीसी से आयरन ओर माइंस के जरिए लौह अयस्क उपलब्ध कराने की मांग की गई है। कर्मचारियों के विषयों पर भी चर्चा की गई। वेज एग्रीमेंट आदि को लेकर रोष व्यक्त किया गया। आरआइएनएल को बेचने के बजाय इसको बचाने क रास्ता दिखाया गया। दस्तावेज प्रस्तुत किए गए।

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आरआइएनएल (Vizag Steel Plant) की स्थापित क्षमता 3.4 मीट्रिक टन थी और इसे प्रति वर्ष 7.3 मिलियन टन तक विस्तारित किया गया था। दरअसल, वीएसपी में 8.0 मिलियन टन कच्चे इस्पात का उत्पादन करने की क्षमता है। हालांकि, वर्तमान में संयंत्र को इस तर्क के साथ लगभग आधी क्षमता तक सीमित कर दिया गया है कि कैप्टिव लौह अयस्क खदानें नहीं होने के कारण इनपुट लागत बहुत अधिक है।

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यह उल्लेख करना उचित है कि 2021 के दौरान 100% रणनीतिक बिक्री के निर्णय के बाद कंपनी का घाटा बढ़ गया है। यह आपके ध्यान में लाना है कि संसद के कई सदस्यों द्वारा दिए गए अभ्यावेदन पर विचार नहीं किया जा रहा है। आरआईएनएल का सेल और एनएमडीसी में विलय के लिए संसद में विभिन्न राजनीतिक दलों और ट्रेड यूनियनों ने मांग की है।
1998-2001 के बीच संयंत्र संकट में था, केंद्र और राज्य सरकारों के समर्थन से क्षमता उपयोग 100% का आंकड़ा पार कर गया, उत्पादन की लागत कम हो गई और संयंत्र ने अपनी स्थापना के बाद पहली बार, अक्टूबर से लाभ कमाना शुरू कर दिया। 2001 इसके बाद सितंबर, 2003 में कंपनी शून्य कर्ज वाली कंपनी बन गई, 2013-14 तक साल दर साल मुनाफा बढ़ता रहा। आपूर्तिकर्ताओं के सभी बकाया चुका दिए गए, कर्मचारियों का मनोबल फिर से ऊंचा हो गया और कुछ साल बाद कंपनी को प्रतिष्ठित प्रधान मंत्री ट्रॉफी भी मिली।

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बता दें कि केरल सीपीआई (एमपी) और एटक के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बिनॉय विश्वम के साथ यूनियन नेता विमानन और इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से उनके कार्यालय में मिले। सांसद के. राममोहन नायडू, विशाखापत्तनम (एमपी) एमवीवी सत्यनारायण, एटक से डी आदिनारायण, इंटक से मंत्री राजशेखर, सीटू से जे. अयोध्या रामू, एचएमएस से जी. गणपति, वाइएसआरटीयूसी के एनवी रमन्ना, जेएमएस वी. श्रीनिवास राव, टीएनटीयूसी के के. सुरेश कुमार, डीवाइआरएसईसी के डीवी रमन्ना, इंटक के जे मितुअल्लू आदि मौजूद रहे।